प्यार वो चीज है जो बचपन मे मुफ्त मिलता है, जवानी मे कमाना पडता है और बुढापे मे मांगना पडता है।
-स्वामी विवेकानंद
केवल वो लोग जो कुछ भी नही बनने के लिये तैय्यार है प्रेम कर सकते है।
-ओशो
प्रेम कर्कश को मधुर बना देता है, असत को सत बनाता है, पापी को पुण्यवान बनाता है और अंधकार को प्रकाशमय बना देता है।
-पौल म्याककॅर्तिनी
सब चीझो पर प्यार करो तब हि आप भगवान को समझ पाओगे।
-व्हीनसेंट फान घो
कोई भी मनुष्य अपना क्रोध बहुत आसानी से प्राप्त करता है, अगर वह इस तरह आसानी से प्यार प्राप्त कर पाता तो जिने का मजा कुछ और हि आता, क्यो कि मनुष्य कि आधी समस्याये यह क्रोध करने से और प्यार न करने से बढती है।
-अज्ञात
सच्चा और निस्वार्थी प्रेम कभी भी नष्ट नही किया जा सकता।
-अज्ञात
अगर प्यार न हो तो संसार और परमार्थ दोनो व्यर्थ है।
-अज्ञात
मे तुमसे प्यार करता हु....और यही सब कि शुरुआत और अंत है।
-स्कॉट फित्झग्यारेल्ड
चाहे हम साथ रहे या ना रहे मे हमेशा तुम्हारा खयाल रखुंगा।
-अज्ञात
मेरा तुमसे प्यार यह एक सफर है, वह हमेशा के लिये शुरू हुआ है और कभी खतम नही होगा।
-अज्ञात
प्रेम यह एक कोई चीज नही कि सुरज से लेकर अस्त तक, यह तो एक सुंदर भाव है जो कभी खतम नही होता।
-अज्ञात
तुम्हारे भीतर मे अपने आप को खो देता हु और तुम्हारे बिना मे तुमको खो देने का एहसास पाता हु।
-अज्ञात
जैन लोग बुध्द को इतना प्रेम करते है कि वह उनका मजाक भी उडा सकते है ये अथः प्रेम कि वजह से है, उनमे डर नही है।
-ओशो
विश्व प्रेम से जिता जाता है, शत्रुत्व से नहीं।
-बाबासाहेब आंबेडकर
आयना और दिल दोनो भी बडे नाजूक होते है फरक सिर्फ इतना रहता है कि आयने मे सब दिखते है और दिल मे सिर्फ अपने हि दिखते है।
-अज्ञात
सच्चा प्यार कभी पैसे से खरीदा नही जा सकता, अगर जरुरत पडे तो पैसे को भी प्यार के आगे झुकणा पडता है, क्यो कि प्यार यह कोई खेल नही और वह टाईम पास करने कि चीज नही।
-अज्ञात
छोटी छोटी बाते दिल मे रखने से बडे बडे रिश्ते कमजोर हो जाते है।
-अज्ञात
जब भी आपका सामना किसी विरोधी से हो, उसे प्रेम से जीतें।
-महात्मा गांधी
प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है और फिर भी हम जिसकी कल्पना कर सकते हैं उसमे सबसे नम्र है।
-महात्मा गांधी
जिस दिन प्रेम की शक्ति, शक्ति के प्रति प्रेम पर हावी हो जायेगी, दुनिया में अमन आ जायेगा।
-महात्मा गांधी
जीवन का एक हि अर्थ , प्रेम बिना सब व्यर्थ।
-आचार्य अत्रे
प्रेम बिना सेवा व्यर्थ है , अगर कोई प्रेम बिना सेवा करे तो उसे व्यापार कहते है।
-विनोबा भावे
प्यार से जो प्राप्त होता है वह हमेशा टिकता है।
-महात्मा गांधी