प्रार्थना माँगना नहीं है, यह आत्मा की लालसा है,
यह हर रोज अपनी कम्जोरियो कि स्वीकारोक्ती है।
-अज्ञात
यह हर रोज अपनी कम्जोरियो कि स्वीकारोक्ती है।
-अज्ञात
प्रार्थना में बिना वचनों के मन लगाना,
वाचन होते हुए मन ना लगाने से बेहतर है।
-अज्ञात
वाचन होते हुए मन ना लगाने से बेहतर है।
-अज्ञात
प्रार्थना ऐसी करनी चाहिये जैसे कि सबकुछ ईश्वर पे हि निर्भर है,
और काम ऐसे करना चाहिये जैसे कि सब कुछ हम पर हि निर्भर है।
-अज्ञात
हम ये प्रार्थना ना करे कि हम पर खतरे ना आये,
बल्की ये करे कि हम उनका सामना करणे मे निडर रहे।
-अज्ञात
ईश्वर कहते है उदास न हो मे तेरे साथ हु सामने नही आसपास हु,
पलको को बंद कर और दिल से याद कर मे कोई और नही तेरा विश्वास हु।
-अज्ञात
प्रार्थना का मतलब सदाचरण ।
-महात्मा गांधी
और काम ऐसे करना चाहिये जैसे कि सब कुछ हम पर हि निर्भर है।
-अज्ञात
हम ये प्रार्थना ना करे कि हम पर खतरे ना आये,
बल्की ये करे कि हम उनका सामना करणे मे निडर रहे।
-अज्ञात
ईश्वर कहते है उदास न हो मे तेरे साथ हु सामने नही आसपास हु,
पलको को बंद कर और दिल से याद कर मे कोई और नही तेरा विश्वास हु।
-अज्ञात
प्रार्थना का मतलब सदाचरण
-महात्मा गांधी