मनुष्य का राक्षस होना उसकी हार, महापुरुष
होना उसका चमत्कार, और पुरुष होना उसकी सफलता है।
कहते
हैं कि धर्म के बिना इंसान लगाम के बिना घोड़े की तरह है ।
पुस्तकें
वो साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच मे पुल का निर्माण
कर सकते हैं ।
आध्यात्मिक जीवन भारत की प्रतिभा है ।
ज्ञान
हमें शक्ति देता है और प्रेम परिपूर्णता ।
हम
अपने बारे में क्या सोचते हैं इससे खुद के जिंदगी मे बहुत
फर्क पडता है।