सिर्फ खडे
होकर पानी
को ताकते
रहने से
अपने ने
आप समंदर
को पार
नही किया
जा सकता।
रवींद्रनाथ टागोर जीवन चरित्र
आयु सोचती है, जवानी करती है ।
हम दुनिया में तब जीते हैं जब हम उसे प्रेम करते हैं।
मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती।
तथ्य कई हैं पर सत्य एक है।
आस्था वो पक्षी है जो सुबह अँधेरा होने पर भी उजाले को
महसूस करती है।
यदि आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद कर देंगे तो सच
बाहर रह जायेगा।
पंखुडीया तोड़ कर आप फूल की खूबसूरती नहीं पा सकते ।
जब मैं खुद पर हँसता हूँ तो मेरे ऊपर से मेरा बोझ कम हो जाता है।
हम ये प्रार्थना ना करें कि हमारे ऊपर खतरे न आयें, बल्की यह प्रार्थना करो कि उस खतरे का सामना करने कि
शक्ती हमे प्राप्त हो सके ।
हम महानता के सबसे करीब तब होते हैं जब हम विनम्रता में
महान होते हैं।
प्रेम अधिकार का दावा नहीं करता , बल्कि स्वतंत्रता देता है।