जब मे कहता हू कि आप देवी देवता है तो
मेरा मतलब होता है कि आप में अनंत क्षमताये है।
प्रसन्नता सदभाव कि छाया है, वह सदभाव का
पीछा करती है, प्रसन्न रहने का कोई और तरीका नही है।
जीवन कोई त्रासदी नही है, ये एक हास्य है
जीवित रहने का मतलब है हास्य का बोध होना।
आप वो
बन जाते हैं जो आप सोचते हैं ।
मूर्ख
दूसरों पर हँसते हैं और बुद्धिमत्ता खुद
पर ।
जब
प्यार और नफरत दोनों ही ना हो तो हर चीज साफ़ और स्पष्ट हो जाती है ।